हर एक लेन-देन का प्रभाव दो खातों पर पड़ता है। एक डेबिट (Dr) किया जाता है और दूसरा क्रेडिट (cr) । अब सवाल ये उठता है किस खाते को डेबिट किया जाए तथा किस खाते को क्रेडिट किया जाए नीचे दिए गए नियमों के अनुसार खातों को डेबिट अथवा क्रेडिट किया जाता है । अगर आप इन नियमों को ठीक से समझ लेंगे तो आपको किसी भी प्रकार की एंट्री करने में कोई परेशानी नहीं होगी । 1.व्यक्तिगत खाते (Personal Account) व्यक्तियों फर्मों , संस्थाओं और कंपनियों के खातों को व्यक्तिगत खाते कहते है जैसे - राहुल , शशांक , अमूल इंडिया, अपोलो टायर्स आदि । व्यक्तिगत खातों के दो रूप हो सकते है पाने वाला अथवा देने वाला । पाने वाले व्यक्ति को डेबिट और देने वाले व्यक्ति को क्रेडिट करते है। (Debit the receiver and credit the giver ) Example- आकाश को 100 का माल बेचा । यहां आकाश पाने वाला है आकाश को डेबिट किया जाएगा । Aaksh Dr.... 100 To Goods A/C (cr)। 100 2. वास्तविक खाता ( Real Account) इन्हें संपत्ति (Property) खाते भी कहते है । जो संप...
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